- उमेश कुमार चौरसिया -

शाम को वह जल्दी - जल्दी राशन की दुकान पहुंचा। वहां भी कुछ लोग मंहगाई में राहत होने की ही चर्चा कर रहे थे। किसना खुश होता हुआ बोला - सेठजी,मुझे तो आटा - दाल ही चाहिए.........इसमें कितने कम हुए......। उसकी बात सुन सेठजी सहित वहां खड़े सभी लोग ठहाका लगाकर हंस पड़े। 50, महादेव कॉलोनी, नागफणी बोराज रोड, अजमेर 30500 राजस्थान
स्थापना
- अखिलेश शुक्ल -वे नगर सेठ हैं। कई मिलों के मालिक, कारखाने चल रहे हैं, आढत है। उनका नगर में रूतबा है। स्थानीय संस्थाओं, पुलिस तथा प्रशासन में तूती बोलती है। किसी की भी क्या मजाल कि चूं चपड़ कर सके।
उस रविवार स्थानीय समाचार पत्र में नगरपालिका का टेण्डर छपा था। उनके घर के सामने से बहने वाले अधूरे नाले के निर्माण कार्य पूर्ण करने की छोटी सी निविदा थी वह।
वह निविदा स्वीकृत हुई। निर्माण कार्य की तैयारी भी प्रारंभ हुई। लेकिन नाले का निर्माण शुरू नहीं हो सका।
वजह! सेठ जी ने नाले के किनारे, अपने विशाल भवन की चहारदीवारी के पास हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना जो कर रखी थी।
संपादक कथा चक्र,63, तिरूपति नगर, इटारसी 461111 (म.प्र.)
मो. 09229532367
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें