- डां. विमल कुमार पाठक

अंधियारी के कचरा ल
सफ्फा बहार दव ॥
दिया बारदव ॥
बारो महिना बर उजियारी
ल तियार दव ॥
दिया बार दव
अब किसान के शोषनकर्ता,अउ व्यापारी ।
मिठलबरा सब चोर,दलालन, भ्रष्ट्राचारी ॥
के आंखी अउ नाक - कान ल
बने झारदव ।
दिया बारदव ॥
खेत - खार मं सोन सहीं,जब धान उपजिही ।
गहूं, चना, कुशियार, तिली,ले डोली सजिही ॥
अनपुन्ना के पूजा कर
आरती उतार दव ॥
दिया बारदव ॥
बायो - डीजल, फल अउ फूल, अउ सब्जी - भाजी ।
उपजावव भरपूर, रहय, सब घर भर राजी ॥
साक्षर जम्मों बनव, जनम
सब झन सुधार लव ।
दिया बारलव ॥
बढ़िया उपजय फसल,किसानी पोट्ठ होय जी ।
झन तो परय अकाल, न कोन्नो गांव रोय जी ॥
बिमल होय शुभ - लाभ
जमों ला वो तिहार दव ।
दिया बारदव ॥
खुर्सीपार जोन - 1 मार्केट,
आई.टी. आई के पीछे,
सेक्टर -11, भिलाई ( छ.ग.)
आई.टी. आई के पीछे,
सेक्टर -11, भिलाई ( छ.ग.)
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