- अशोक ' अंजुम '

चल रहा है अजब सिलसिला
कीजिए देश को पिलपिला
०००
मत दुहाई करॅप्शन की दो
तुमको शायद नहीं कुछ मिला
०००
बन गये मुख्यमंत्री वे अब -
गाँव उनका बनेगा जिला
०००
सबका ईमान है हाट में
दाम जो भी मिलें, बस मिला
०००
याद हैं अब युवाओं को बस
माधुरी, चावला, उर्मिला
०००
यार कुर्सी पे आने तो दे
सब मिटा दूंगा शिकवा -गिला
डाकू हो गए
कुछ तमंचे, शेष चाकू हो गए
यार मेरे सब हलाकू हो गए
वे इलेक्शन में जो हारे इस दफा
खीजकर चम्बल के डाकू हो गए
नग्न - चित्रों को पलटते थे मियाँ
हम समझते थे पढ़ाकू हो गए
बाद शादी के वो कुछ ही साल में
उम्र - वालों के भी काकू हो गए
देख लो बापू वे बन्दर आपके
आजकल बेहद लड़ाकू हो गए
पता - सम्पादक -प्रयास 615,ट्रक गेट,
कासिमपुर 6 पा.हा. 8 अलीगढ़ (उ.प्र.)
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