- डा जीवन यदु
बस ओतके मा दीया के संसार माढ़े हे ।।
मोर आगू मा भभके संगी ! जिनगी के होले,
पन तोर आगू होले के तिहार माढ़े हे ।
वो मनखे जब मोला मिलथे, तब अइसे लगथे,
मोर आगू मा आजे के अखबार माढ़े हे ।
हाँ मा हाले मुड़, कै ना मा, पन अइसे हाले,
पगड़ी ऊपर जइसे कुकरी - गार माढ़े हे ।
पेट - बिकारी के झंझट के बीच मं तोरे सुरता,
बॉंस के जंगल मा जइसे कुसियार माढ़े हे ।
वो कइसे हरियर चारा के ले सकही सुवाद,
जे बोकरा के चेथी मा तलवार माढ़े हे ।
- दाऊ चौरा , खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव (छ.ग.)
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