- देवनारायण निषाद शिक्षक
पावन गंगा की देश में, प्यासे कई मर जाते हैं
जल की एक बूंद बचे तो, अमृत जैसा फल होगा
आज बचेगा जल तो, सुनहरा अपना कल होगा।
हर जगह हो रही धरती पर, पल - पल में खुदाई
बरकरार रहेगा ये कृत्य तो, देंगे पानी की दुहाई
प्यासे हर जीव - जन्तु, सूखा धरती भी करनी का फल होगा
आज बचेगा जल तो, सुनहरा अपना कल होगा।
रोक दो खुदाई धरती की, नहीं तो अभिशाप होगा
लड़ेंगे और मरेंगे लोग प्यासे - प्यासे से न मिलाप होगा
प्यासे से नाता जोड़ लो अब , हरियाली सबका हर पल होगा
आज बचेगा जल तो, सुनहरा अपना कल होगा।
मानवता का मानवता से पहचान हमें बनाना है
पानी की हर बूंद बचाकर सृष्टि नयी बसाना है
आओ प्रण कर लें हम, पानी सा निर्मल मन होगा
आज बचेगा जल तो, सुनहरा अपना कल होगा।
- ग्राम पोष्ट - गिरौद, वि.खं.- मगरलोड, तहसील - कुरूद, जिला - दुर्ग (छ.ग.)
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