- नन्दकुमार साहू
बाढ़त हे भारत म दिनों दिन, भारी अतियार
गांधी फेर आजा एक बार
अहिंसा सत के बल म, अँगरेज ल तैंह भगाए ।
आतंकवादी ऊहँचे, रोज कतको खून बहाए ।।
जनता के इहाँ हाल बेहाल हे, मस्त हवे सरकार
गांधी फेर आजा एक बार
ओकरे सिंग बाढ़े हे, जेन हावे लबरा लफंगा ।
पूरा देस दहलगे हे, जघा - जघा होवत हे दंगा ।।
नइ हे गरीब के आँसू पोछैया, रोवत हे बोमफार
गांधी फेर आजा एक बार
दफतर करमचारी, आफिस के अधिकारी ।
नेता अउ बय पारी, सब हे भ्रष्टाचारी ।।
देस ल ठाढ़े - ठाढ़ लिलत हे, भय , भूख, भ्रष्टाचार
गांधी फेर आजा एक बार
बिन आँखी, कान, मुँहू के, तोर तीनों बेंदरा का बताही ।
नियाले म घलो बिकथे, वकील, जज, अउ गवाही ।।
संसद म अब देस बिकत हे, लेही कोनो लेनदार
गांधी फेर आजा एक बार
का सोंचे रेहे तैंह, अऊ फेर का होवत हे ।
पाके सुराज उलटा, मुड़ धरके रोवत हे ।।
राम राज के सपना सँजोए, होगे वहू खुवार
गांधी फेर आजा एक बार
गांधी फेर आजा एक बार
अहिंसा सत के बल म, अँगरेज ल तैंह भगाए ।
आतंकवादी ऊहँचे, रोज कतको खून बहाए ।।
जनता के इहाँ हाल बेहाल हे, मस्त हवे सरकार
गांधी फेर आजा एक बार
ओकरे सिंग बाढ़े हे, जेन हावे लबरा लफंगा ।
पूरा देस दहलगे हे, जघा - जघा होवत हे दंगा ।।
नइ हे गरीब के आँसू पोछैया, रोवत हे बोमफार
गांधी फेर आजा एक बार
दफतर करमचारी, आफिस के अधिकारी ।
नेता अउ बय पारी, सब हे भ्रष्टाचारी ।।
देस ल ठाढ़े - ठाढ़ लिलत हे, भय , भूख, भ्रष्टाचार
गांधी फेर आजा एक बार
बिन आँखी, कान, मुँहू के, तोर तीनों बेंदरा का बताही ।
नियाले म घलो बिकथे, वकील, जज, अउ गवाही ।।
संसद म अब देस बिकत हे, लेही कोनो लेनदार
गांधी फेर आजा एक बार
का सोंचे रेहे तैंह, अऊ फेर का होवत हे ।
पाके सुराज उलटा, मुड़ धरके रोवत हे ।।
राम राज के सपना सँजोए, होगे वहू खुवार
गांधी फेर आजा एक बार
- ग्राम - धामनसरा (मोखला)पोष्ट - सुरगी, जिला -राजनांदगांव (छ.ग.),
- मोबाइल - 9329 - 95482
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