- घनाराम बंजारे
चलव रे संगी जम्मों मिल के करी रे कमाई
ये माटी के सेवा कर के जिनगी ल बिताई
ये भूंइयां म जनम ले हर तेकर कर्जा ल चुकाई
चलो रे संगी .............।
किसान के मेहनत म संगी झुम उठे संसार
पियर - पियर सरसों दिखे हरा भरा खेती खार
मेहनत कर कर के संगी करी रे कमाई
चलव रे संगी ..............।
अरतता के बोल लगा के नागर बईला म करी रे किसानी
इहि ल सब के भरोसा इही म सब के जिनगानी
ये भुईयां ल छोड़ के संगी हमन कहां जाई
चलव रे संगी ..................।
निचट बढ़िया सुहाथे रे संगी हमर खेती खार
अईसन कहां सुहाथे रे संगी कभू सहर
गजब बढ़िया दिखे रे संगी इहां के लुगाई
चलव रे संगी .................।
गजब मोहे हरियर के लुगरा पिवरा किनारी
निचट भाथे रे संगी धान हरियर सरसों पिंवरा बारी
दुल्हन जइसे सजे रहिथे रे भाई हमर धरती महतारी
चलव रे संगी ....................।
ये माटी के सेवा कर के जिनगी ल बिताई
ये भूंइयां म जनम ले हर तेकर कर्जा ल चुकाई
चलो रे संगी .............।
किसान के मेहनत म संगी झुम उठे संसार
पियर - पियर सरसों दिखे हरा भरा खेती खार
मेहनत कर कर के संगी करी रे कमाई
चलव रे संगी ..............।
अरतता के बोल लगा के नागर बईला म करी रे किसानी
इहि ल सब के भरोसा इही म सब के जिनगानी
ये भुईयां ल छोड़ के संगी हमन कहां जाई
चलव रे संगी ..................।
निचट बढ़िया सुहाथे रे संगी हमर खेती खार
अईसन कहां सुहाथे रे संगी कभू सहर
गजब बढ़िया दिखे रे संगी इहां के लुगाई
चलव रे संगी .................।
गजब मोहे हरियर के लुगरा पिवरा किनारी
निचट भाथे रे संगी धान हरियर सरसों पिंवरा बारी
दुल्हन जइसे सजे रहिथे रे भाई हमर धरती महतारी
चलव रे संगी ....................।
- ग्राम - हरदी, पो - सिरली, थाना - सक्ती,जिला - जांजगीर चाम्पा (छ.ग.)
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