- हीरालाल अग्रवाल -

मेरे देश में बिना दवा के लाखों मरे गरीब
चंद अमीरों की मुठ्ठी में इनका कैद नसीब।
कौन वत्सला इन्हें लुटाये अपना अनुपम प्यार ?
कब होगा भूखे नंगों का मेरे देश में उद्धार ?
एक करोड़ का छक्का दो कौड़ी का खून पसीना
इस समाजवाद के सीने पर है जड़ा नगीना
तुम्हें मुबारक मालकोंस हो, हम तो गाते फाग
शिव भोलों के ही मस्तक में रहता काला नाग
किसने कल - कारखाने बोए, किसने बोया शूल
किसने बोध दलों को रौंदा, किसने फांकी धूल
कौन भट्ठियों झुलसा, किसने खायी गोली
किसकी देह बिकी चौराहे, किसने बोली बोली ?
जिनके कंधों में साहस है भारत स्वर्ग बनाने का
इन्हें मात्र अधिकार मिला है लाठी गोली खाने का
और खाल कर्तव्य की ओढ़े जो सीढ़ी चढ़ते जाते हैं
जन - गण - मन की भाषा में कुर्सी राग सुनाते हैं
कौन निराला की शैय्या में दो आंसू रोया था
मुक्तिबोध की लाश को किसने कंधों पर ढोया था
जहां सुगंधि कोयल कूके, बाकी कौआ कॉव
अक्सर बरगद के नीचे ही मिलती भैय्या छॉव
किसकी गर्दन सुली झूली, किसकी पूंछी मांग
किसने खायी तीन गोलियाँ, कौन रच रहा स्वांग
किसने खून पसीना सींचा, किसने सींचा पानी
त्यागी मुर्दा कहलाते हैं, जिन्दा है बलिदानी
किसने बोला मुझे खून दो, मैं दूंगा आजादी
किसने बोला सूली के संग, मेरी होगी शादी
कौन अफ्रीका में था जिसने दुख की झेली आंधी
किसने देश स्वतंत्र कराया, कौन बना है गांधी
मेरे देश की सोना धरती, क्यों है आज उदास
सोन - चिरैया की चलती क्यों उखड़ी - उखड़ी सांस
कारण एक समझ में आता अगर करो विश्वास
रावण की शातिर चालों से, लगते राम हताश।
- पता - नया बस स्टेण्ड, खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव (छ.ग.)
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