- इब्राहीम कुरैशी -
कितना प्यार छत्तीसगढ़ है
राज दुलारा छत्तीसगढ़ है
भारत एक आकाश जिसका
एक सितारा छत्तीसगढ़ है।
पुरवैय्या मदमस्त करे
बागों में ठूमके इतराए
पंचम सुर में अमराई में
कोई गीत कोयलिया गाए
देखो सपनों से भी सुंदर
क्या खूब नजारा छत्तीसगढ़ है।
रत्नों के छत्तीस टुकड़ों से
धरती ये चमके चम चम
खेत में धान की बाली झूमे
छेड़े वह जीवन सरगम
कितने प्राणों की आशाएं
सबका हमारा छत्तीसगढ़ है।
जहाँ सतरंगी मेरे सजते हैं
मन में उत्साह छलकता है
भोला बचपन खेत खार में
झूमता, हंसता महकता है
जीवन दायिनी सरिताओं की
जन की धारा छत्तीसगढ़ है।
पता - स्टेशन रोड, महासमुन्द (छ.ग.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें