मुकुंद कौशल
तैं अउ मैं चल घाम के छौना कस मड़ियाबोन वो।
दिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
साँझ खँजेरी धरे हाथ मा
बिहना धरे तमूरा
समय के डमरू बाजत हावय
मनखे बने जमूरा
झुमर - झुमर बेरा सँग बाजा हमूं बजाबोन वो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
बिन सूरूज के जग अॅंधियारी
बिन परेम के दुनिया
बिना बजाए मया - पिरित के
नइ बाजै हरमुनिया
आज संग नइ गा पाएन ते अउ कब गाबोनवो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
जीयत आँसू मरे मं आँसू
आँसू आनी जानी
जतका हाँसी ठटï्ठा हे सब
आँसू लिखे कहानी
हाँस - हाँस के दुख - पीरा ला हम बिजराबोन वो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिंछा गोठियाबोन वो॥
एम - 516 पद्ïमनाभपुर
दुर्ग 6 छग. 8
तैं अउ मैं चल घाम के छौना कस मड़ियाबोन वो।
दिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
साँझ खँजेरी धरे हाथ मा
बिहना धरे तमूरा
समय के डमरू बाजत हावय
मनखे बने जमूरा
झुमर - झुमर बेरा सँग बाजा हमूं बजाबोन वो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
बिन सूरूज के जग अॅंधियारी
बिन परेम के दुनिया
बिना बजाए मया - पिरित के
नइ बाजै हरमुनिया
आज संग नइ गा पाएन ते अउ कब गाबोनवो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिन्छा गोठियाबोन वो॥
जीयत आँसू मरे मं आँसू
आँसू आनी जानी
जतका हाँसी ठटï्ठा हे सब
आँसू लिखे कहानी
हाँस - हाँस के दुख - पीरा ला हम बिजराबोन वो।
छिन भर कहुँचो बइठ के हरहिंछा गोठियाबोन वो॥
एम - 516 पद्ïमनाभपुर
दुर्ग 6 छग. 8
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