शशिलता लहरे
माँ के गाँव में,
पीपल के छाँव में।
ममता के आँचल में,
बारिस के पानी में
झूमें तन मन
खेले बचपन में।
मिटï्टी के घरौंदे में,
खेले हम खिलौने में।
बचपन की मस्ती में
कागज की कस्ती में
गुजारे जीवन,
खेले बचपन में।
बापू के हाथ में,
जीवन गुजारे साथ में।
भाई बहनों के प्यार में
मिठी सी तकरार में।
भुलाए तन - मन
खेले बचपन में।
चप्पल नहीं पांव में
मरहम नहीं घाव में।
देखे सपना आँखों में
गुम हुआ बचपन यादों में।
गुजारे जीवन
खेले बचपन में।
मु.पो. - मालखरौदा
तहसील - मालखरौदा
जिला - जांजगीर - चाम्पा ( छग.)
माँ के गाँव में,
पीपल के छाँव में।
ममता के आँचल में,
बारिस के पानी में
झूमें तन मन
खेले बचपन में।
मिटï्टी के घरौंदे में,
खेले हम खिलौने में।
बचपन की मस्ती में
कागज की कस्ती में
गुजारे जीवन,
खेले बचपन में।
बापू के हाथ में,
जीवन गुजारे साथ में।
भाई बहनों के प्यार में
मिठी सी तकरार में।
भुलाए तन - मन
खेले बचपन में।
चप्पल नहीं पांव में
मरहम नहीं घाव में।
देखे सपना आँखों में
गुम हुआ बचपन यादों में।
गुजारे जीवन
खेले बचपन में।
मु.पो. - मालखरौदा
तहसील - मालखरौदा
जिला - जांजगीर - चाम्पा ( छग.)
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