देवलाल सिन्हा
सुरहोती के दीया बरगे,
अंजोर होगे गली खोर।
आही अंगना मं लक्षमी दाई, जगर - बगर घर कुरिया हे।
धान हरहूना मिंजागे भइया, माई लकठा नई धुरिहा हे॥
दिन बुड़गे, मुंधियार परगे, दीया बरगे चारो ओर।
सुरहोती के दीया बरगे, अंजोर होगे गली खोर॥
दूसर दिन देवारी के मानय, बहिनी मन हा भाई दूज।
चाऊंर चंदन माथे म टीके चरन ल धोके पीये दूद॥
बहिनी के बीपत हटगे, राखी म लेबे काहय सोर।
सुरहोती के दीया बरगे,अंजोर होगे गली खोर॥
गऊ माता ल खिचरी खवाये, घरो घर चूरे कोहड़ा कोचई।
हांका पारे बरदीहा मन अऊ, गाय ल बांधय ओहा सोहई॥
कोसटऊंहा धोती परगे, हाना गहीश गावय जोर।
सुरहोती के दीया बरगे,अंजोर होगे गली खोर॥
मातर होय खइरखा डांड़ म घोन्डईया काछन मारत हे।
कुकरा ल छोंड़े बीच खरखा म, गइया खुर मारत हे॥
खुंडहर मेर दीया हूम धरके, मान म नरियर देवय फोर।
सुरहोती के दीया बरगे, अंजोर होगे गली खोर॥
इतवारी बाजार, खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव ( छ.ग.)
सुरहोती के दीया बरगे,
अंजोर होगे गली खोर।
आही अंगना मं लक्षमी दाई, जगर - बगर घर कुरिया हे।
धान हरहूना मिंजागे भइया, माई लकठा नई धुरिहा हे॥
दिन बुड़गे, मुंधियार परगे, दीया बरगे चारो ओर।
सुरहोती के दीया बरगे, अंजोर होगे गली खोर॥
दूसर दिन देवारी के मानय, बहिनी मन हा भाई दूज।
चाऊंर चंदन माथे म टीके चरन ल धोके पीये दूद॥
बहिनी के बीपत हटगे, राखी म लेबे काहय सोर।
सुरहोती के दीया बरगे,अंजोर होगे गली खोर॥
गऊ माता ल खिचरी खवाये, घरो घर चूरे कोहड़ा कोचई।
हांका पारे बरदीहा मन अऊ, गाय ल बांधय ओहा सोहई॥
कोसटऊंहा धोती परगे, हाना गहीश गावय जोर।
सुरहोती के दीया बरगे,अंजोर होगे गली खोर॥
मातर होय खइरखा डांड़ म घोन्डईया काछन मारत हे।
कुकरा ल छोंड़े बीच खरखा म, गइया खुर मारत हे॥
खुंडहर मेर दीया हूम धरके, मान म नरियर देवय फोर।
सुरहोती के दीया बरगे, अंजोर होगे गली खोर॥
इतवारी बाजार, खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव ( छ.ग.)
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