देवलाल सिन्हा
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे,
लेवत - देवत हंव तोर खभर मंय, जुन्ना तुंहर संग मीत हे।
उठके बिहनिया मोर भुइंया, तोरेच पांव ला परथंव ना।
कुकरा बासत के मंय हर उठेंव, किसानी तियारी करथवं ना॥
लइका के जतन करथे दाई हा, स्कूल मां नाव भर दीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
खेती - खार मोर हरियार - हरियार, मन के मंजूर झूम नाचथे।
बटरा - चना ला राखथे बबा, बांस लउड़ी हर बाजथे।।
खोंधरा ले चिरई चींव - चींव नरियाए, बड़े फजर म सीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
मन के गोठ तोर मन म रखले, मोर मेर बीपत बता देना।
चुगली - चारी म मान कमती होवय, सुनले अउ पचा देना॥
कतको कोरे गांथे रबे चुंदी, टमड़ जुवां एको लीख हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे।
खुडुवा, खोखो कउड़ी गोंटा, फुगड़ी संगे संग खेल लेतेन।
जातेन गरीब घर सगा - सोदर, बासी के जेवन जे लेतेन॥
खेल - खेल मं झगरा नइ होन, ये गा हार अउ जीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
मेहा संगी मान मेख अउ, छोटे बड़े भेद नइ राखव।
मन हे मोर कता फरियर, मुंहू ले कहि नइ सकंव॥
भंइस - गाय के दूध नइये, छेरी के चाहा दीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
रात बइरी अंधियारी पहाही, अउ होही सोनहा बिहान।
सरकार हमर चलाथे रे भइया , गांव - गांव मं साक्षरता अभियान॥
डोकरा - डोकरी हर पढ़हू कहिथे, सिल्हेट - कलम धर लीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
तहीं जुन्ना मोर सोना चांदी, तहीं नवा मोर हीरा मोती।
पउर कोदो भरेच रेहेन, ये साल हवय धान कोठी॥
बेटी ला देथन बिदाई तइसे, नवा के जोहार सुआगत रीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
इतवारी बाजार, खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव (छ.ग.)
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे,
लेवत - देवत हंव तोर खभर मंय, जुन्ना तुंहर संग मीत हे।
उठके बिहनिया मोर भुइंया, तोरेच पांव ला परथंव ना।
कुकरा बासत के मंय हर उठेंव, किसानी तियारी करथवं ना॥
लइका के जतन करथे दाई हा, स्कूल मां नाव भर दीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
खेती - खार मोर हरियार - हरियार, मन के मंजूर झूम नाचथे।
बटरा - चना ला राखथे बबा, बांस लउड़ी हर बाजथे।।
खोंधरा ले चिरई चींव - चींव नरियाए, बड़े फजर म सीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
मन के गोठ तोर मन म रखले, मोर मेर बीपत बता देना।
चुगली - चारी म मान कमती होवय, सुनले अउ पचा देना॥
कतको कोरे गांथे रबे चुंदी, टमड़ जुवां एको लीख हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे।
खुडुवा, खोखो कउड़ी गोंटा, फुगड़ी संगे संग खेल लेतेन।
जातेन गरीब घर सगा - सोदर, बासी के जेवन जे लेतेन॥
खेल - खेल मं झगरा नइ होन, ये गा हार अउ जीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
मेहा संगी मान मेख अउ, छोटे बड़े भेद नइ राखव।
मन हे मोर कता फरियर, मुंहू ले कहि नइ सकंव॥
भंइस - गाय के दूध नइये, छेरी के चाहा दीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
रात बइरी अंधियारी पहाही, अउ होही सोनहा बिहान।
सरकार हमर चलाथे रे भइया , गांव - गांव मं साक्षरता अभियान॥
डोकरा - डोकरी हर पढ़हू कहिथे, सिल्हेट - कलम धर लीस हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
तहीं जुन्ना मोर सोना चांदी, तहीं नवा मोर हीरा मोती।
पउर कोदो भरेच रेहेन, ये साल हवय धान कोठी॥
बेटी ला देथन बिदाई तइसे, नवा के जोहार सुआगत रीत हे।
नवा साल के नवा बच्छर में, नवा हमर ए गीत हे॥
इतवारी बाजार, खैरागढ़, जिला - राजनांदगांव (छ.ग.)
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