गोपालदास साहू
देवारी तंय आवत होबे
देवारी तंय आवत होबे, दीया मन ल संग म लावत होबे
हरेली अइस धान बर हरिय र लुगरा लइस
गहिरा मन बर लीम डारा दसमुर डोंटों कांदा लाइस
हस हस के घर कुरिया म लीम दसमुर खोंचि स
नागर बसुला टंगिया धोइन लइका मन गेड़ी फांदिस
गेड़ी च ढ़ाके लइका मन ल खेलावत होबे
देवारी तंय ........................।
थोरके दिन मं अइस पोरा बिचारा मुरहा
ठेठरी खुरमी भजिया लाइस अंगाकर गुरहा
तीज के दिन पारबती अइस पूजा करिन तिजहारिन
च उत के दिन गनपति अइस नाचि न गाइन बनिहारिन
नंदिया बइला च ढ़के रेंगावत होबे
देवारी तंय .........................।
कुंवार अइस पुरखा मन ल संग म लइस
पुरखा बनके कउवा पनरा दिन बरा भजिया खइस
नवमी अइस धान बर पिय र लुगरा लइस
दसेरा म रावन मरिस धान के छóी निपटाइस
तलवार धर दसेरा तंय आवत होबे
ेदेवारी तंय ..........................।
गाय बर सोहई धर के अइस देवारी
कोहड़ा कोच इ लइस दीया बारे नरनारी
गहिरा सोहई बांधिन साजू अउ फूलेता साजिन
दफड़ा दमउ बजइन झूमर के नाचि न
आज गोपाल तंय गोवधर्न खुंदावत होबे
देवारी तंय .............................।
भ·डारपुर (करेला)
पो.- ढ़ारा, व्हाया - डोंगरगढ़, जिला - राजनांदगांव (छ.ग.)
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