आनंद तिवारी पौराणिक
सृजन, पलय
जन्म, विलय
खोलो रहस्य परमेश्वर
बोलो जगदीश्वर
हो जगन्नाथ
पर जग में कितने अनाथ
दु: ख इनको जनम भर
बोलो जगदीश्वर
तुम विश्वम्भर
भूखे लाखों घर
करूणा भी रोती परमेश्वर
बोलो जगदीश्वर
विश्वपति तुम्हें बताएँ
फिर क्यों इतनी विधवाएँ
क्या है प्रत्युत्तर
बोलो जगदीश्वर
पाषाण मूर्त्ति तुम्हीं ने उबारे
पर खुद पस्तर रूप धरे
आओगे कब चिन्मय रूप लेकर
बोलो जगदीश्वर
स्वार्थ, घृणा, अन्धकार
व्याया, पीड़ा, भरमार
शेष नहीं कोई घर
बोलो जगदीश्वर
हे पूर्ण ज्योति, सुन्दरतम
जग में नहीं कुरूपता कम
क्यों हँसते दु: ख देकर
बोलो जगदीश्वर ?
श्रीराम टाकीज मार्ग,महासमुंद ( छ.ग.)
सृजन, पलय
जन्म, विलय
खोलो रहस्य परमेश्वर
बोलो जगदीश्वर
हो जगन्नाथ
पर जग में कितने अनाथ
दु: ख इनको जनम भर
बोलो जगदीश्वर
तुम विश्वम्भर
भूखे लाखों घर
करूणा भी रोती परमेश्वर
बोलो जगदीश्वर
विश्वपति तुम्हें बताएँ
फिर क्यों इतनी विधवाएँ
क्या है प्रत्युत्तर
बोलो जगदीश्वर
पाषाण मूर्त्ति तुम्हीं ने उबारे
पर खुद पस्तर रूप धरे
आओगे कब चिन्मय रूप लेकर
बोलो जगदीश्वर
स्वार्थ, घृणा, अन्धकार
व्याया, पीड़ा, भरमार
शेष नहीं कोई घर
बोलो जगदीश्वर
हे पूर्ण ज्योति, सुन्दरतम
जग में नहीं कुरूपता कम
क्यों हँसते दु: ख देकर
बोलो जगदीश्वर ?
श्रीराम टाकीज मार्ग,महासमुंद ( छ.ग.)
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