आनंद तिवारी पौराणिक
बरदी के लहुटती
गली,खोर, येती वोती
अंगला, दुआर, कुरिया, मकान
रूख, राई, रदï्दा, रेंगान
जम्मों धुर्रा म बोथाथें
गईया, बछरू, अन्ते - तन्ते छरियाथे
बरदिहा ह, ह, ह,ह,ह, चिचियाथे
बन्सी ल बजाथे
सुरता म मोर भुलाये कन्हैया
बिरिज कस मोर गाँव भइया
धुर्रा ह तभे चंदन कस
माथ म फबथे कन्दन अस
जूड़ के घाम दूबर - पातर
सूरूज नारायन जावत हे अपन घर
खोंदरा म चिरगुन - चिरई
मिटï्ठू, मैना, पड़की, सल्हई
घूमत किंजरत, जंगल - झाड़ी
पिला बर चारा काड़ी
हम्मा - हम्मा नरियाये, बछरू अउ गईया
सुरता आयव मयारू जसोमति मईया
देखते - देखत दिन हा पहाथे
घोर अंधियारी ह घबटाथे
तुलसी चउँरा म होथे दीया बाती
मंदिर - देवाला म भजन आरती
कदम के सुघ्घर छाँव कस
नन्द बबा के गाँव कस
मंजूर पाखी आथे अँजोर बगरईया
सुरता आये गोपी अऊ रास - रचईया
नवा बिहाती कस
रतिहा ह संवरथे
पिरीत के लहरा ह,
मन, समन्दर म संचरथे
नंदिया के धार कस,
अन्तस ह मिंझरथे
सपना के नवा अरथ
जिनगी ह पाथे
जी, म होथे तभे छपक - छईयाँ
राधा तिर आ जाथे,किसन - कन्हैया।
श्रीराम टाकीज मार्ग, महासमुन्द( छग. )
बरदी के लहुटती
गली,खोर, येती वोती
अंगला, दुआर, कुरिया, मकान
रूख, राई, रदï्दा, रेंगान
जम्मों धुर्रा म बोथाथें
गईया, बछरू, अन्ते - तन्ते छरियाथे
बरदिहा ह, ह, ह,ह,ह, चिचियाथे
बन्सी ल बजाथे
सुरता म मोर भुलाये कन्हैया
बिरिज कस मोर गाँव भइया
धुर्रा ह तभे चंदन कस
माथ म फबथे कन्दन अस
जूड़ के घाम दूबर - पातर
सूरूज नारायन जावत हे अपन घर
खोंदरा म चिरगुन - चिरई
मिटï्ठू, मैना, पड़की, सल्हई
घूमत किंजरत, जंगल - झाड़ी
पिला बर चारा काड़ी
हम्मा - हम्मा नरियाये, बछरू अउ गईया
सुरता आयव मयारू जसोमति मईया
देखते - देखत दिन हा पहाथे
घोर अंधियारी ह घबटाथे
तुलसी चउँरा म होथे दीया बाती
मंदिर - देवाला म भजन आरती
कदम के सुघ्घर छाँव कस
नन्द बबा के गाँव कस
मंजूर पाखी आथे अँजोर बगरईया
सुरता आये गोपी अऊ रास - रचईया
नवा बिहाती कस
रतिहा ह संवरथे
पिरीत के लहरा ह,
मन, समन्दर म संचरथे
नंदिया के धार कस,
अन्तस ह मिंझरथे
सपना के नवा अरथ
जिनगी ह पाथे
जी, म होथे तभे छपक - छईयाँ
राधा तिर आ जाथे,किसन - कन्हैया।
श्रीराम टाकीज मार्ग, महासमुन्द( छग. )
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