- यशवंत मेश्राम -
हम गुलाम है या स्वतंत्र
डैने फैलाए आए हैं गरुड़
गरुड़ साँप नहीं खाता अब
इसका भोजन
स्वतंत्र भारत में है
बांमन चिरइ, मैना और सुग्गा
और पास में है
फाइबर मग्घा।
सोने की चिड़िया,
दुर्भाग्य है
यहाँ
नागनाथों - साँपनाथों को
गरुड़ ने क्यों
खाना छोड़ दिया
आश्चर्य है ?
शंकरपुर,वार्ड नं. 7
नये शिव मंदिर के पास
शारदा चौक, राजनांदगांव (छ.ग.)
हम गुलाम है या स्वतंत्र
डैने फैलाए आए हैं गरुड़
गरुड़ साँप नहीं खाता अब
इसका भोजन
स्वतंत्र भारत में है
बांमन चिरइ, मैना और सुग्गा
और पास में है
फाइबर मग्घा।
सोने की चिड़िया,
दुर्भाग्य है
यहाँ
नागनाथों - साँपनाथों को
गरुड़ ने क्यों
खाना छोड़ दिया
आश्चर्य है ?
शंकरपुर,वार्ड नं. 7
नये शिव मंदिर के पास
शारदा चौक, राजनांदगांव (छ.ग.)
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