मोहम्मद बशीर मालेरकोटलवी
वह टकटकी बांधे, मुस्कुराती हुई नजरों से मेरी ओर खामोशी से देखता रहा और अपने खास अंदाज में इधर - उधर हिलता भी रहा। कोई जवाब न पाकर मेरा हौसला बढ़ा। मैं फिर बरसा - दरअसल, तुम लोगों को आराम की खाने की आदत पड़ गयी है। सौ - पचास मांग लिया और नशा कर लिया। बस मांगों और खाओ ... करके खाना बहुत मुश्किल है।
मेरी बात खत्म हुई तो वह कुछ संजीदा हो गया और आर्शीर्वाद देने के अंदाज में हाथ उठाकर बुलन्द आवाज में बोला - बस बोल लिए जितना बोलना था ...। थूक निगल कर और आँखें झपका कर वह तकरीबन चिल्ला उठा - सेठ, अगर मेरा काम इतना ही आसान समझता है तो आ बाहर निकल और भगवान के नाम पर दो रुपया मांग कर दिखा ....।
राजकीय पंजाब वक्फ बोर्ड, अधिकारी दिल्ली गेट,
समीप - एम पी स्कूल, मालेरकोटला, पंजाब - 148023
वह टकटकी बांधे, मुस्कुराती हुई नजरों से मेरी ओर खामोशी से देखता रहा और अपने खास अंदाज में इधर - उधर हिलता भी रहा। कोई जवाब न पाकर मेरा हौसला बढ़ा। मैं फिर बरसा - दरअसल, तुम लोगों को आराम की खाने की आदत पड़ गयी है। सौ - पचास मांग लिया और नशा कर लिया। बस मांगों और खाओ ... करके खाना बहुत मुश्किल है।
मेरी बात खत्म हुई तो वह कुछ संजीदा हो गया और आर्शीर्वाद देने के अंदाज में हाथ उठाकर बुलन्द आवाज में बोला - बस बोल लिए जितना बोलना था ...। थूक निगल कर और आँखें झपका कर वह तकरीबन चिल्ला उठा - सेठ, अगर मेरा काम इतना ही आसान समझता है तो आ बाहर निकल और भगवान के नाम पर दो रुपया मांग कर दिखा ....।
राजकीय पंजाब वक्फ बोर्ड, अधिकारी दिल्ली गेट,
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