डाँ पीसी लाल यादव
न तोर बिन रेहे सकवँ ग, न कोनो ल कहे सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
होबे कखरो बर अलवा - जलवा,
फेर मोर बर तो नीक अस ।
होबे ककरो बर करू करेला,
मोर बर तो कुंदरू मीठ अस ।।
न मैं लुकाय सकवँ ग, न कहूं ल बताय सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
मैं तो लगाय हँवजिनगी ल,
बैरी तोर मया के दाँव म ।
आसा तिस्ना सााध पूरही,
फूलही तोर मया के छाँव म ।।
न चुप रेहे सकवँ ग, न मुच - मुच हंसे सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
दिल के दरद ल नई जानय तैंहा,
मोर मयारू मीठ लबरा ।
मया के मरम नई जानय तैंहा,
तोर चोला ह कठवा - पथरा ।।
न सुध बिसारे सकवँ ग,न बुध तियारे सकवँ ग ।
मोेर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
गंडई पंडरिया
जिला -राजनांदगांव (छग.)
न तोर बिन रेहे सकवँ ग, न कोनो ल कहे सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
होबे कखरो बर अलवा - जलवा,
फेर मोर बर तो नीक अस ।
होबे ककरो बर करू करेला,
मोर बर तो कुंदरू मीठ अस ।।
न मैं लुकाय सकवँ ग, न कहूं ल बताय सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
मैं तो लगाय हँवजिनगी ल,
बैरी तोर मया के दाँव म ।
आसा तिस्ना सााध पूरही,
फूलही तोर मया के छाँव म ।।
न चुप रेहे सकवँ ग, न मुच - मुच हंसे सकवँ ग ।
मोर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
दिल के दरद ल नई जानय तैंहा,
मोर मयारू मीठ लबरा ।
मया के मरम नई जानय तैंहा,
तोर चोला ह कठवा - पथरा ।।
न सुध बिसारे सकवँ ग,न बुध तियारे सकवँ ग ।
मोेर आंखी के पुतरी तैंहा, न तोर बिन देखे सकवँ ग ।।
गंडई पंडरिया
जिला -राजनांदगांव (छग.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें