डॉ. जयजयराम आनंद
कैसे मन मुस्काए
नौजवान पैसे के बल पर
मिल जाते हैं सस्ते
टिड्डी दल बन फसल चाटते
आत्मघातिए दस्ते
पलक झपकते ही बिछ जाती
लाशों पर जब लाशें
शेष न रहते परिजन साथी
गिनने को जब सांसें
छा जाती है दहशतगर्दी
सुबह शाम दोपहरी
सौदागर आतंकवाद के
बुनते चादर धुँधरी
सकल तंत्र हैरान
भय का तना वितान
सन्नाटा सन्नाए
कैसे मन मुस्काए ?
क्रांकीट के जंगल बुनते
वन उपवन की ठठरी
हवा और पानी अब बेचे
नित रोगों की गठरी
तापमान की उछल कूद से
काँप उठा भूमंडल
प्रकृति नटी के तीखे तेवर
लिए विनाश कमंडल
घोर प्रदूषण के दलदल में
मौसम भटका रस्ता
वैश्वीकरण उदारवाद से
हालत सबकी खस्ता
बरबादी आभूषण
भ्रष्टाचार प्रदूषण
सबको आँंखें दिखाए
कैसे मन मुस्काए ?
आनंद प्रकाशन, प्रेस निकेतन
ई 7/70, अशोका सासाइटी
अरेरा कालोनी, भोपाल [ म.प्र. ]
कैसे मन मुस्काए
नौजवान पैसे के बल पर
मिल जाते हैं सस्ते
टिड्डी दल बन फसल चाटते
आत्मघातिए दस्ते
पलक झपकते ही बिछ जाती
लाशों पर जब लाशें
शेष न रहते परिजन साथी
गिनने को जब सांसें
छा जाती है दहशतगर्दी
सुबह शाम दोपहरी
सौदागर आतंकवाद के
बुनते चादर धुँधरी
सकल तंत्र हैरान
भय का तना वितान
सन्नाटा सन्नाए
कैसे मन मुस्काए ?
क्रांकीट के जंगल बुनते
वन उपवन की ठठरी
हवा और पानी अब बेचे
नित रोगों की गठरी
तापमान की उछल कूद से
काँप उठा भूमंडल
प्रकृति नटी के तीखे तेवर
लिए विनाश कमंडल
घोर प्रदूषण के दलदल में
मौसम भटका रस्ता
वैश्वीकरण उदारवाद से
हालत सबकी खस्ता
बरबादी आभूषण
भ्रष्टाचार प्रदूषण
सबको आँंखें दिखाए
कैसे मन मुस्काए ?
आनंद प्रकाशन, प्रेस निकेतन
ई 7/70, अशोका सासाइटी
अरेरा कालोनी, भोपाल [ म.प्र. ]
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