कांशीपुरी कुंदन
कई दिनों से मैं देख रहा था कि बाबू रामलुभाया घोर चिंतित दुखी व परेशान नजर आ रहे थे.एक जागरूक पड़ोसी होने के नाते मैंने वजह जानने की गुस्ताखी की. वे मुझ पर बरस पड़े - हद करते हो यार, हमसे कारण पूछते हो !यिा पत्रिकाएं नहीं पढ़ते,रेडियो नहीं सुनते,टी.वी. नहीं देखते? आए दिन निरीह बहुओं को दहेज लोभी शैतान नाना प्रकार की यातनाएं दे रहे हैं.जिन्दा जला कर मार रहे हैं.पता नहीं तुम किस दुनिया में रहते हो.इतना भी नहीं जानते - ये देखो, आज का अखबार एक निरीह बहू कोदहेज बेदी पर बलि च ढ़ा दी गई.सरकार या समाज भी इन हत्यारों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता.अगर गिरKतार हो भी गये तो किसी न किसी बहाने बाइƒत बरी हो जाते हैं.वे अपनी एक ही सांस में सारी भड़ास उड़ेल कर शोक सागर में डूब गये.गोया इन्हें ही सम्पूणर् संसार की चिंता हो.मैं इस अप्रत्याशित वार से एक बारगी सहम गया.साहस बटोरते हुए कहा - रामलुभाया जी,अब आपको जरा भी चिंतित या दुखी होने की जरूरत नहीं है.मैं बहुएं जलने से रोकने के लिए अचूक उपाय बताता हूं.इसे ध्यान से सुनिये, लोगों को सुनाइये.....। जैसे .....
लोग शादी के पूवर् अचूक फामूर्ला नंबर दो को अमल में लाने का कý करें.अथार्त् वर - वधू की जन्म कुंडलियां मिलाने के बजाय सास बहू की मिलाए.जिससे उनके दंगलमय मिलन न होकर मंगलमय मिलन हो सके और वे सुखी दाम्पत्य का वाजिब आनंद उठ सके.
दहेज कन्या पक्ष से लेने के बदले लड़का पक्ष से लिया जाये.इसी बहाने वर को गिड़गिड़ाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया जाये.फिर लड़की की शादी को बेगार ढ़ंग से न निपटायें और ऐसे दुल्हा का चुनाव करें जो प्रतिþाहीन संभ्रांत लड़की से दुगने उम्र वाला हो. जो बाद में सुहागकक्ष में अपने शिकार के लक्ष्य में धुत किसी भेड़िये की तरह घूमने मे विश्वास रखने वाला सुयोग्य , अनुभवी दिलवाला हो या दूल्हें बाजार से किसी डाटिर, इंजीनिय र, वकील अतिसुयोग्य दूल्हा अपनी कन्या हेतु खरीदे और स्तरीय चीजे टी.वी.,फ्रीज, स्कूटर 2 - 25 तोले सोना एकाध लाख रूपये दहेज में दे जिससे की लड़के वालों का समाज में इƒत बनी रहे.और वे बहू को जिन्दा जलाकर मार डालने वाला अनुकरणीय काय र् संपÛ न कर सके.विवाहोत्सवों में सांसे जलाइये,मुसीबतों से मुIि पाइये जैसे प्रेरक स्लोगन उ‚रित हो.इसके साथ ही अपनी लाड़ली हेतु आज्ञाकारी दबबू पति का च य न करें.
प्रेम विवाह सरकार व समाज द्वारा अनिवाय र् घोषित हो.इससे दो फाय दे होंगे -मित्रवर, एक वर खोजने की महाझंझट से मुIि,दो दहेज रत्ती भर भी नहीं देना पड़ेगा. जो मां बाप प्रेम विवाह को नाक का सवाल मानकर अनुमति नहीं देते हैं, ऐसे माता पिता को चाहिए कि अपनी कन्या की शादी कलेटिर से अनुमति बकाय दा इस घोषणा पत्र के साथ लेकर संपÛ करें कि हमारी लड़की व्य स्क हो चुकी है दहेज में अमूक - अमूक समान तथा टीका में.... लाख दे रहे हैं तथा दहेज की कुल कीमत के अनुसार जाय ज बतौर अनुमति शुल्क लिकर् कल्याण कोष में नगद जमा कर दिया गया है.जिससे भविष्य में अगर लड़की दहेज दानव की शिकार हो जाती है तो न्याय और कानून इस मामले में अपनी पारम्पारिक उदासीनता की स्वभाव को छोड़ कर पिता की मदद करने में तत्परता का परिच य देगी.अपने बदनाम च रित्र के अनुरूप आच रण करने से परहेज करेगी.
इस मुह„े में प्रताड़ना प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाये.जिसमें प्रशिक्षण प्राÄ करना हर लड़की के लिए अनिवाय र् हो.ऐसे प्रशिक्षण संस्थाओं में सेवानिवृत थानेदारों को प्रशिक्षक के रूप में नियुI किया जाये,जिससे कि वे अनुभव के आधार पर आत्मीय ता पूवर्क बबर्रता या प्रताड़ना बरतने के अनोखे गुर सीख सके.इस प्रशिक्षण के बाद ही अपनी कन्या का विवाह संपÛ करें.
सास,ननद, ससुर पति की प्रताड़ना के अधिकार समाÄ करके बहू के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाये.सिफर् बहू को ही नहीं सास को भी पंखे मे लटकने,स्टोव्ह से जलने का सौभाग्य प्राÄ हो.जिस शहर में सबसे अधिक सांसे जलती हो उसको आदशर् सास शहर घोषित किया जाये.जिससे उत्साहित होकर अन्य शहरों की सासे भी इस मांगलिक काय र् में अपना अपूणीर्य योगदान दे सकें.
सतीप्रथी की परम्परा शुभारंभ किया जाये.जिस परिवार की बहुएं अन्य कारणों से स्वगर् सिधर जाती है, उसके पति को सता होकर स‚ा जीवन साथी होने का परिच य देना चाहिए.जिससे आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले सके.
रामलुभाय जी बहुएं जलने को रोकने के अचूक उपाय सुनकर आश्वस्त हो गये और प्रचार - प्रसार के लिए तत्काल निकल पड़े.
मेला मैदान, राजिम ( छ.ग.)
कई दिनों से मैं देख रहा था कि बाबू रामलुभाया घोर चिंतित दुखी व परेशान नजर आ रहे थे.एक जागरूक पड़ोसी होने के नाते मैंने वजह जानने की गुस्ताखी की. वे मुझ पर बरस पड़े - हद करते हो यार, हमसे कारण पूछते हो !यिा पत्रिकाएं नहीं पढ़ते,रेडियो नहीं सुनते,टी.वी. नहीं देखते? आए दिन निरीह बहुओं को दहेज लोभी शैतान नाना प्रकार की यातनाएं दे रहे हैं.जिन्दा जला कर मार रहे हैं.पता नहीं तुम किस दुनिया में रहते हो.इतना भी नहीं जानते - ये देखो, आज का अखबार एक निरीह बहू कोदहेज बेदी पर बलि च ढ़ा दी गई.सरकार या समाज भी इन हत्यारों का कुछ नहीं बिगाड़ सकता.अगर गिरKतार हो भी गये तो किसी न किसी बहाने बाइƒत बरी हो जाते हैं.वे अपनी एक ही सांस में सारी भड़ास उड़ेल कर शोक सागर में डूब गये.गोया इन्हें ही सम्पूणर् संसार की चिंता हो.मैं इस अप्रत्याशित वार से एक बारगी सहम गया.साहस बटोरते हुए कहा - रामलुभाया जी,अब आपको जरा भी चिंतित या दुखी होने की जरूरत नहीं है.मैं बहुएं जलने से रोकने के लिए अचूक उपाय बताता हूं.इसे ध्यान से सुनिये, लोगों को सुनाइये.....। जैसे .....
लोग शादी के पूवर् अचूक फामूर्ला नंबर दो को अमल में लाने का कý करें.अथार्त् वर - वधू की जन्म कुंडलियां मिलाने के बजाय सास बहू की मिलाए.जिससे उनके दंगलमय मिलन न होकर मंगलमय मिलन हो सके और वे सुखी दाम्पत्य का वाजिब आनंद उठ सके.
दहेज कन्या पक्ष से लेने के बदले लड़का पक्ष से लिया जाये.इसी बहाने वर को गिड़गिड़ाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया जाये.फिर लड़की की शादी को बेगार ढ़ंग से न निपटायें और ऐसे दुल्हा का चुनाव करें जो प्रतिþाहीन संभ्रांत लड़की से दुगने उम्र वाला हो. जो बाद में सुहागकक्ष में अपने शिकार के लक्ष्य में धुत किसी भेड़िये की तरह घूमने मे विश्वास रखने वाला सुयोग्य , अनुभवी दिलवाला हो या दूल्हें बाजार से किसी डाटिर, इंजीनिय र, वकील अतिसुयोग्य दूल्हा अपनी कन्या हेतु खरीदे और स्तरीय चीजे टी.वी.,फ्रीज, स्कूटर 2 - 25 तोले सोना एकाध लाख रूपये दहेज में दे जिससे की लड़के वालों का समाज में इƒत बनी रहे.और वे बहू को जिन्दा जलाकर मार डालने वाला अनुकरणीय काय र् संपÛ न कर सके.विवाहोत्सवों में सांसे जलाइये,मुसीबतों से मुIि पाइये जैसे प्रेरक स्लोगन उ‚रित हो.इसके साथ ही अपनी लाड़ली हेतु आज्ञाकारी दबबू पति का च य न करें.
प्रेम विवाह सरकार व समाज द्वारा अनिवाय र् घोषित हो.इससे दो फाय दे होंगे -मित्रवर, एक वर खोजने की महाझंझट से मुIि,दो दहेज रत्ती भर भी नहीं देना पड़ेगा. जो मां बाप प्रेम विवाह को नाक का सवाल मानकर अनुमति नहीं देते हैं, ऐसे माता पिता को चाहिए कि अपनी कन्या की शादी कलेटिर से अनुमति बकाय दा इस घोषणा पत्र के साथ लेकर संपÛ करें कि हमारी लड़की व्य स्क हो चुकी है दहेज में अमूक - अमूक समान तथा टीका में.... लाख दे रहे हैं तथा दहेज की कुल कीमत के अनुसार जाय ज बतौर अनुमति शुल्क लिकर् कल्याण कोष में नगद जमा कर दिया गया है.जिससे भविष्य में अगर लड़की दहेज दानव की शिकार हो जाती है तो न्याय और कानून इस मामले में अपनी पारम्पारिक उदासीनता की स्वभाव को छोड़ कर पिता की मदद करने में तत्परता का परिच य देगी.अपने बदनाम च रित्र के अनुरूप आच रण करने से परहेज करेगी.
इस मुह„े में प्रताड़ना प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाये.जिसमें प्रशिक्षण प्राÄ करना हर लड़की के लिए अनिवाय र् हो.ऐसे प्रशिक्षण संस्थाओं में सेवानिवृत थानेदारों को प्रशिक्षक के रूप में नियुI किया जाये,जिससे कि वे अनुभव के आधार पर आत्मीय ता पूवर्क बबर्रता या प्रताड़ना बरतने के अनोखे गुर सीख सके.इस प्रशिक्षण के बाद ही अपनी कन्या का विवाह संपÛ करें.
सास,ननद, ससुर पति की प्रताड़ना के अधिकार समाÄ करके बहू के मौलिक अधिकार में शामिल किया जाये.सिफर् बहू को ही नहीं सास को भी पंखे मे लटकने,स्टोव्ह से जलने का सौभाग्य प्राÄ हो.जिस शहर में सबसे अधिक सांसे जलती हो उसको आदशर् सास शहर घोषित किया जाये.जिससे उत्साहित होकर अन्य शहरों की सासे भी इस मांगलिक काय र् में अपना अपूणीर्य योगदान दे सकें.
सतीप्रथी की परम्परा शुभारंभ किया जाये.जिस परिवार की बहुएं अन्य कारणों से स्वगर् सिधर जाती है, उसके पति को सता होकर स‚ा जीवन साथी होने का परिच य देना चाहिए.जिससे आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले सके.
रामलुभाय जी बहुएं जलने को रोकने के अचूक उपाय सुनकर आश्वस्त हो गये और प्रचार - प्रसार के लिए तत्काल निकल पड़े.
मेला मैदान, राजिम ( छ.ग.)
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