
डाँ रतन जैन
समय का चक्र चलता है ।
समय सब दिन बदलता है ।।
समय के साथ चलना चाहिए ।
समय के हाथ पलना चाहिए ।।
समय का करें अभिनंदन ।
कवि की है यही अर्चन ।।
समय से दूर जाना ही विफलता है ।
समय का च क्र ...................... ।।
समय न प्रेत बाधा है ।
समय मोहन न राधा है ।।
समय दिन रात जगता है ।
समय जल्दी ही भरता है ।।
समय के द्वार मे नवदीप जलता है ।
समय का चक्र .....................।।
समय सर - ज्ञान हैं बांटो ।
समय को समय से काटो ।।
समय बीता नहीं आता ।
समय आगे बढ़ता जाता ।।
समय से विमुख राही हाथ मलता है ।
समय का चक्र ....................... ।।
समय न कहीं टिकता है ।
समय न हाट बिकता है ।।
समय जीवन है मरण का ।
समय पूजा है शरण है ।।
समय अभ्यर्थना से खूब फलता है ।
समय का चक्र ....................... ।।
छुईखदान, जिला- राजनांदगांव (छ.
ग.)
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