श्रीमती सौरिन चन्द्रसेन
अमुवा म मंजरा मता डारे या,
मोर कोइली गजामूंग,
भंवरा ल धंवरा बना डारे।
पागा म कलगी सजा डारे॥
काली मेंहा देखेंव, गुनगुन गावत।
करिया ल तोर मेंहा, फूल मंडरावत॥
आज कइसन उदिम रचा डारे या
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
तोर घर म बइठे हे,
राजा के भेस हे।
का ओखर नांव हावे,
कोने या देस हे॥
मोर कोइली गजामूंग
पागा म कलगी सजा डारे॥
गाँव, गली, खेत - खार, तरिया, अमरईया।
देसी, परदेसी, का रदï्दा रेंगईया॥
बोली म जग ल मोहा डारे
ये दे बोली म जग ल मोहा डारे या।
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
रूप हवय सीसी रे, बोली हे सरबत।
मया के मोहनी म, सबो हे तोर बस
कुहुकोली म जग ला समा डारे।
कुहुकोली म जग ला समा डारे या,
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
प्राचार्य, शा.आदर्श कन्या उ.मा.वि. महासमुन्द 6 छग. 8
अमुवा म मंजरा मता डारे या,
मोर कोइली गजामूंग,
भंवरा ल धंवरा बना डारे।
पागा म कलगी सजा डारे॥
काली मेंहा देखेंव, गुनगुन गावत।
करिया ल तोर मेंहा, फूल मंडरावत॥
आज कइसन उदिम रचा डारे या
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
तोर घर म बइठे हे,
राजा के भेस हे।
का ओखर नांव हावे,
कोने या देस हे॥
मोर कोइली गजामूंग
पागा म कलगी सजा डारे॥
गाँव, गली, खेत - खार, तरिया, अमरईया।
देसी, परदेसी, का रदï्दा रेंगईया॥
बोली म जग ल मोहा डारे
ये दे बोली म जग ल मोहा डारे या।
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
रूप हवय सीसी रे, बोली हे सरबत।
मया के मोहनी म, सबो हे तोर बस
कुहुकोली म जग ला समा डारे।
कुहुकोली म जग ला समा डारे या,
मोर कोइली गजामूंग,
पागा म कलगी सजा डारे॥
प्राचार्य, शा.आदर्श कन्या उ.मा.वि. महासमुन्द 6 छग. 8
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