महेन्द्र राठौर
ऐसा भी उनसे हो न सका जिंदगी में भी।
कोशिश के बाद आ न सके रौशनी में भी॥
हर बार दिल से बात की, दिल से ही ये कहा।
मुश्किल मकाम आते हैं इस जिंदगी में भी॥
मिलते हैं दोस्तों की तरफ से जो हमेशा।
ऐसे मिले हैं जख्म मुझे आशिकी में भी॥
तेरी गली हो या के कोई शाह राह हो।
आता है लुत्फ इश्क का आवारगी में भी॥
अल्लाह ये अदायें रखे तुममें बरकरार।
दिल लूट लिया करते हो तुम सादगी में भी॥
न्यू चंदनिया पारा, जांजगीर ( छग. )
ऐसा भी उनसे हो न सका जिंदगी में भी।
कोशिश के बाद आ न सके रौशनी में भी॥
हर बार दिल से बात की, दिल से ही ये कहा।
मुश्किल मकाम आते हैं इस जिंदगी में भी॥
मिलते हैं दोस्तों की तरफ से जो हमेशा।
ऐसे मिले हैं जख्म मुझे आशिकी में भी॥
तेरी गली हो या के कोई शाह राह हो।
आता है लुत्फ इश्क का आवारगी में भी॥
अल्लाह ये अदायें रखे तुममें बरकरार।
दिल लूट लिया करते हो तुम सादगी में भी॥
न्यू चंदनिया पारा, जांजगीर ( छग. )
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