गार्गीशरण मिश्र '' मराल ''
संगीनों का रंग हरेगी चाँदी की यह छड़ी हमारी।
चाँदी की यह छड़ी कि जिसकी
खाते मार न लोग अघाते,
चेहरे होते लाल खुशी से
फिर भी फूले नहीं समाते,
लोहे की हथकड़ी पुलिस की, सोने की हथकड़ी हमारी।
चाँदी की चहारदीवारी
अंदर सोने की कोठरियाँ
सुरा सुराही लेकर कर में
पहरे पर रहती सुंदरियाँ
कैद कड़ी है सरकारी तो कैद और भी कड़ी है हमारी।
करामात जादू की देखो
बड़े - बड़े है इससे डरते
खाते रकम राजकोषों से
पर हैं काम हमारा करते
बात बड़ी है राजा की तो बात और भी बड़ी हमारी।
वहाँ ज्योति आशा की झिलमिल
यहाँ प्रभा चाँदी की फैली,
वहाँ भरे कागज के थैले
यहाँ भरी नोटों की थैली,
चैन कहाँ आये जब तीली आँखों में हो गड़ी हमारी।
चाँदी की यह छड़ी कि जिसकी
खाते मार न लोग अघाते,
चेहरे होते लाल खुशी से
फिर भी फूले नहीं समाते,
लोहे की हथकड़ी पुलिस की, सोने की हथकड़ी हमारी।
चाँदी की चहारदीवारी
अंदर सोने की कोठरियाँ
सुरा सुराही लेकर कर में
पहरे पर रहती सुंदरियाँ
कैद कड़ी है सरकारी तो कैद और भी कड़ी है हमारी।
करामात जादू की देखो
बड़े - बड़े है इससे डरते
खाते रकम राजकोषों से
पर हैं काम हमारा करते
बात बड़ी है राजा की तो बात और भी बड़ी हमारी।
वहाँ ज्योति आशा की झिलमिल
यहाँ प्रभा चाँदी की फैली,
वहाँ भरे कागज के थैले
यहाँ भरी नोटों की थैली,
चैन कहाँ आये जब तीली आँखों में हो गड़ी हमारी।
- पता -
1436 / सरस्वती कालोनी, चेरीताल वार्ड, जबलपुर म.प्र. - 482002
1436 / सरस्वती कालोनी, चेरीताल वार्ड, जबलपुर म.प्र. - 482002
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