डां. कृष्णकुमार सिंह ' मयंक '
पहले दिल में आग लगाई
फिर नैनों में जल भर लाई
$खुद औरों से माँग रहे हैं,
अब इस युग के हातिमताई
तू तो सुख का आदी है,
तू क्या जाने पीर पराई
हार मेरी पहले से तय थी
सच्चाई ने मुँह की खाई
अब तो घर ही में दुश्मन है,
कैसा भाई, किसका भाई।
हाँ, पहले होती थी, लेकिन,
आज कहाँ है पन्ना दाई।
क्या मयंक सरहद पर जाकर,
किसी नेता ने जान गंवाई।
गज़ल - 5/597, विकास खण्ड
गोमती नगर, लखनऊ - 226010
मो. 09415418569
पहले दिल में आग लगाई
फिर नैनों में जल भर लाई
$खुद औरों से माँग रहे हैं,
अब इस युग के हातिमताई
तू तो सुख का आदी है,
तू क्या जाने पीर पराई
हार मेरी पहले से तय थी
सच्चाई ने मुँह की खाई
अब तो घर ही में दुश्मन है,
कैसा भाई, किसका भाई।
हाँ, पहले होती थी, लेकिन,
आज कहाँ है पन्ना दाई।
क्या मयंक सरहद पर जाकर,
किसी नेता ने जान गंवाई।
गज़ल - 5/597, विकास खण्ड
गोमती नगर, लखनऊ - 226010
मो. 09415418569
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