योगेन्द्र वर्मा '' व्योम''
नुचे आज फिर तितली के पर
गश्त लगाता है सन्नाटा
कौन सुनेगा पीड़ा के स्वर
ढँूढा बहुत नहीं मिल पाये
कबिरा के वो ढाई आखर
रहने लगीं कोंपलें गुमसुम
माली बन बैठा सौदागर
धूप अनमनी बुझी - बुझी है
लड़ी आज सूरज से जी भर
नींद स्वप्न से तन्हाई में
रचा रही है आ स्वयंवर
व्योम क्षितिज के पार मिलेगा
जहाँ बना है पीड़ा का घर
गश्त लगाता है सन्नाटा
कौन सुनेगा पीड़ा के स्वर
ढँूढा बहुत नहीं मिल पाये
कबिरा के वो ढाई आखर
रहने लगीं कोंपलें गुमसुम
माली बन बैठा सौदागर
धूप अनमनी बुझी - बुझी है
लड़ी आज सूरज से जी भर
नींद स्वप्न से तन्हाई में
रचा रही है आ स्वयंवर
व्योम क्षितिज के पार मिलेगा
जहाँ बना है पीड़ा का घर
पो.बा. - 139, ए एल - 49,
सचिन स्वीट्स के पीछे, दीनदयाल नगर
फेज़ - प्रथम काँठ रोड, मुरादाबाद (उ.प्र.)
मोबाईल: 0941280598
सचिन स्वीट्स के पीछे, दीनदयाल नगर
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