जितेन्द्र '' सुकुमार ''
वो जुगनुओं को आफताब कर देता है
छू कर कांटों को गुलाब कर देता है
उसको ना समझों कोई मामुली यारों
मिला अश्क पानी को शराब कर देता है
रुहानियत है बसी उसकी हर अदा में
वो ह$कीकत को ख़्वाब कर देता है
उठाकर हिजाब से पर्दा '' सुकुमार ''
नाकाब को भी बेनाकाब कर देता है
छू कर कांटों को गुलाब कर देता है
उसको ना समझों कोई मामुली यारों
मिला अश्क पानी को शराब कर देता है
रुहानियत है बसी उसकी हर अदा में
वो ह$कीकत को ख़्वाब कर देता है
उठाकर हिजाब से पर्दा '' सुकुमार ''
नाकाब को भी बेनाकाब कर देता है
साहित्यकार
उदय अशियाना, चौबेबांधा, (राजिम),
जिला - गरियाबंद
(छ.ग.) 493 885, मो. : 09009187981
उदय अशियाना, चौबेबांधा, (राजिम),
जिला - गरियाबंद
(छ.ग.) 493 885, मो. : 09009187981
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