अब पास जिसके
श्लेष चन्द्राकर

अब पास जिसके पहले सी दौलत नहीं रही
अब उसकी शह्र में कोई इज़्ज़त नहीं रही
जब से मिला है प्यार तेरा खुश हूँ मैं बहुत
इस ज़िन्दगी से मुझको शिकायत नहीं रही
लगने लगी हसीन वो सीरत की नूर से
सूरत को आइने की जरूरत नहीं रही
भरने लगे हैं नेता सब अपनी तिजोरियां
पहले सी अब यहाँ की सियासत नहीं रही
अच्छाई का है मिलता यहाँ अब तो फल बुरा
दुनिया में श्लेष अब तो शराफ़त नहीं रही
बात ये सच है मियां
बात ये सच है मियां इससे कहाँ इनकार है
ज़िन्दगी जो अपनी शर्तों पे जिये खुद्दार है
कम किसी को आंकने की भूल मत करना कभी
सामने वाला भी रखता आधुनिक हथियार है
हो गया है हादसा तो भूल जाना ही सही,
रातदिन उस बात को तो सोचना बेकार है
फैलती हैं नफ़रतें ख़बरें वो ऐसी छापता
उसको तो हर हाल में बस बेचना अख़बार है
काम करता है वही जिसकी मनाही की गई
श्लेष अपनी आदतों से आज भी लाचार है
खैरा बाड़ा,
गुड़रु पारा, वार्ड नं. 27,महासमुन्द (छत्तीसगढ़ )
पिन - 493 445मो.नं.ः 09926744445
श्लेष चन्द्राकर

अब पास जिसके पहले सी दौलत नहीं रही
अब उसकी शह्र में कोई इज़्ज़त नहीं रही
जब से मिला है प्यार तेरा खुश हूँ मैं बहुत
इस ज़िन्दगी से मुझको शिकायत नहीं रही
लगने लगी हसीन वो सीरत की नूर से
सूरत को आइने की जरूरत नहीं रही
भरने लगे हैं नेता सब अपनी तिजोरियां
पहले सी अब यहाँ की सियासत नहीं रही
अच्छाई का है मिलता यहाँ अब तो फल बुरा
दुनिया में श्लेष अब तो शराफ़त नहीं रही
बात ये सच है मियां
बात ये सच है मियां इससे कहाँ इनकार है
ज़िन्दगी जो अपनी शर्तों पे जिये खुद्दार है
कम किसी को आंकने की भूल मत करना कभी
सामने वाला भी रखता आधुनिक हथियार है
हो गया है हादसा तो भूल जाना ही सही,
रातदिन उस बात को तो सोचना बेकार है
फैलती हैं नफ़रतें ख़बरें वो ऐसी छापता
उसको तो हर हाल में बस बेचना अख़बार है
काम करता है वही जिसकी मनाही की गई
श्लेष अपनी आदतों से आज भी लाचार है
खैरा बाड़ा,
गुड़रु पारा, वार्ड नं. 27,महासमुन्द (छत्तीसगढ़ )
पिन - 493 445मो.नं.ः 09926744445
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