
कभी होते थे जो बस तीरगी में
वो सौदे हो रहे अब रोशनी में
किसी की ज़ीस्त में जाना न मुझको
न आये कोई मेरी ज़िन्दगी में
कोई माने न माने सच यही है
खुदा ही छुपके बैठा है खुदी में
अमावस में भी आकर मिल कभी तू
तू मिलता है हमेशा चाँदनी में
किसी को ये न अन्दाज़ा था साहिल
अयाँ कर देगा सच तू बेखुदी में
के 3/10 माँ शीतला
भवन गायघाट,
वाराणसी .221001
मो.ः 08935065229
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें