राजकुमार मसखरे
रावन मारे बर बनगे बड़ हुशियार
सजधज के मटमट ले होगे तियार,
काली जेन हरियर बेशरम रिहिन
आज बनगे बड़ पड़री खुसियार!
रावन मारे बर बनगे बड़ हुशियार
सजधज के मटमट ले होगे तियार,
काली जेन हरियर बेशरम रिहिन
आज बनगे बड़ पड़री खुसियार!
नकली रावन ल नकली ह मारत हे
बता तो येला मारे के का अधिकार,
मारना हे त बने मार न रे अइबी
तोर अंतस म घुसरे रावन ल मार!
ले बता राम के, के ठन गुन हवय
रावन के गुन घलो नइ हे दू - चार,
रावन के मुड़ी तो दसे रिहिस होही
तुँहर तो चारो मुड़ा ये हवय हज़ार!
ये कागज़,पैरा भूसा के ल रहन दे
जेन छेल्ला घुमत हे तेला जोहार,
जनता के बाँटा ल जेन डकारत हे
अइसन बहुरूपिया ल धर कचार!
इँहा कइ नकली बाबा,नेता,महंत
येला सोझिया के ठाढ़ो भुर्री बार,
अब अइसन रावन ल खोज मारव
तभे ये देश ए समाज म होही सुधार!
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