( 1 )
इशारों इशारों की जो बात है।
वही तो मोहब्बत की शुरूआत है।
ग़मों का समंदर ये जिससे बना।
मेरे आँसुओं की वो बरसात है।
मिला जिंदगी का जो मकसद मुझे।
तेरे प्यार की वो करामात है।
समझ जाओगे दिल की बातें भी तुम।
अभी तो ये पहली मुलाकात है।
नहीं आए इस बार भी कह के वो।
जुदाई भरी फिर कटी रात है।
चलो मुस्कुरा के तो देखा मुझे।
बड़ी आपकी ये इनायात है।
उसे मानकर जीत कश्यप चला।
हुई प्यार में जो मेरी मात है।
वही तो मोहब्बत की शुरूआत है।
ग़मों का समंदर ये जिससे बना।
मेरे आँसुओं की वो बरसात है।
मिला जिंदगी का जो मकसद मुझे।
तेरे प्यार की वो करामात है।
समझ जाओगे दिल की बातें भी तुम।
अभी तो ये पहली मुलाकात है।
नहीं आए इस बार भी कह के वो।
जुदाई भरी फिर कटी रात है।
चलो मुस्कुरा के तो देखा मुझे।
बड़ी आपकी ये इनायात है।
उसे मानकर जीत कश्यप चला।
हुई प्यार में जो मेरी मात है।
( 2.)
दिल का हर एतिबार झूठा है।
बेवफ़ा तेरा प्यार झूठा है।
वो शराफत से पेश आएगा।
मन का ये भी विचार झूठा है।
बात उसकी न सच समझना तुम।
दोस्त वो बार - बार झूठा है।
साजिशें पाल कर रखीं दिल में।
प्यार का ये खुमार झूठा है।
आँसुओं को छिपा रखा भीतर।
मुस्कुराता वो यार झूठा है।
लौटकर आएगा नहीं वो फिर।
तेरा भी इंतिजार झूठा है।
दर्द कश्यप बहुत दिया उसने।
कौन कहता है खार झूठा है।
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