प्रदीप शर्मा
’ सोसाइटी ग्रुप ’ में मैसेज आया 9 महीने के बच्चे के लिए नैनी (आया) की तुरंत आवश्यकता है। आप किसी को जानते हों तो कृपया बताएँ। सम्पर्क करने के लिए मोबाइल नम्बर दिया हुआ था। बुजुर्ग रघुबीर जी ने ये मैसेज पत्नी माधुरी को भी पढ़ कर सुनाया।
- संयुक्त परिवार का क्या महत्व है काश सभी जानते। माधुरी जी ने शून्य में ताकते हुए कहा। फिर अपने मोबाइल को उठाते हुए बोलीं - जरा नम्बर बताना।
- तुम इन्हें फोन क्यों ...।
रघुबीर जी ने कुछ कहना चाहा पर माधुरी जी ने टोकते हुए कहा - बताओ तो।
और फिर नम्बर डायल कर दिया।
- हैलो ... आपको बच्चे के लिए नैनी चाहिए न ?
दूसरी तरफ से आवाज आई - जी हाँ, और वो भी अर्जेंट। हम दो दिन पहले ही यहाँ आये हैं। आप कहाँ रहती हैं। आपको एक्सपीरियंस है न?
- इसी सोसाइटी में अपने पति के साथ रहती हूँ। हम दोनों को ही अनुभव है। सात बच्चों की देखभाल और परवरिश की है।
दूसरी तरफ से आवाज आई - आप पता बता दीजिए,बाजार जा रहे हैं। आपसे मिल भी लेंगे।
माधुरी जी ने पता बता कर फोन काट दिया।
रघुबीर जी ने पूछा - सात बच्चों की परवरिश ?
माधुरी जी ने दीवार पर लगी परिवार की तस्वीर को देखते हुए कहा - तीन अपने और चार उनके बच्चों की।
कुछ देर बाद घण्टी बजी। रघुबीर जी ने दरवाजा खोला। एक युवती बच्चे को गोद में लिए खड़ी थी। साथ में संभवतः उसका पति था।
- नमस्ते अंकल,कुछ देर पहले नैनी के लिए बात हुई थी।
- आओ ... अन्दर आ जाओ। बैठो,अभी बुलाता हूँ। माधुरी ... आपसे मिलने आये हैं। रघुबीर जी ने कहा।
युवक - युवती करीने से सजे घर को निहार रहे थे। बच्ची परेशान सी रो रही थी।
युवक बोला - और बच्चे भी हैं आपके पास?
- सात बच्चे मेरी देख - रेख में रहे हैं बेटा। माधुरी कमरे में दाखिल होते हुए बोलीं - दो बेटे एक बेटी और उनके बच्चे। उन सभी ने उड़ान के लिए अपना - अपना आसमान ढूँढ लिया है।
तभी बच्ची ऊँची आवाज में रोने लगी। युवती ने चुप कराना चाहा पर वो रोती रही।
युवती बोली - गुड़िया हमारे साथ घूम - घूम कर परेशान हो रही है।
माधुरी जी उठीं और बच्ची को गोद में लेने के लिए उसकी तरफ हाथ बढ़ाये। बच्ची ने भी अपने हाथों को उठा दिया। माधुरी जी की गोद में आते ही गुड़िया चुप हो गई। युवक - युवती दोनों हैरानी से एक - दूसरे को देखने लगे।
युवती झिझकते हुए कुछ कहना चाह रही थी। उसने पति को इशारा किया।
माधुरी जी मुस्कुराई- कितने पैसे लूँगी यही पूछना चाहते हो न?
दोनों ने हाँ में सिर हिलाया।
इस बात पर रघुबीर जी भी चौंके।
- बेटा मुझे कुछ नहीं चाहिए। इस गुड़िया को रखने के लिए सिर्फ एक शर्त है। माधुरी बोलीं।
अब तीनों ने माधुरी जी की तरफ प्रश्नवाचक नजरों से देखा।
माधुरी युवती के सिर पर प्यार से हाथ फेरती हुई बोलीं - कोई भी पूछे गुड़िया किसके पास रहती है तो ये मत कहना नैनी के पास, कहना नानी के पास रहती है।
नोएडा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें