सविता वर्मा ’ गजल’शमा की तरह खुद को जलाया हमने !रोशनी से घर उसका सजाया हमने ॥दर्द सहते रहे और उफ़्फ़ तक ना किलबों पे हर पल तबस्सुम सजाया हमने ॥
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