यदि किसी मित्र को, हो जाये अभिमान
बार - बार यदि आपका, करता हो अपमान
हर पल यदि आपकी स्थिती का, मजाक उड़ाता हो
हर पल यदि आपके हृदय को, चोट पहुंचाता हो
वो जैसे हैं उनको वैसा ही रहने दो
करलो पत्थर हृदय को पीड़ा सहने दो
लक्ष्य अपना चयन करो, पाना है आत्म सम्मान
जगाकर मन में नई उम्मीद और होंठों पर मुस्कान
संकल्प से ही रास्ता सबका, आसान होता है
खो जाता है सब उसका, जो दिन - रात सोता है
छोड़ दो वह आलस, जो खो दे आपका स्वाभिमान
चुन कर लेलो बदला उनसे, जो करे आपका अपमान
सफलता मिले जल्द आपको, कुछ कर दिखाना होगा
उस मित्र को भी हो गर्व तुम पर, अहसास कराना होगा
वक्त बदलने के साथ-साथ, आप अपना रुतबा बदलोगे
कर्म आपका रंग लाएगा, सफलता की सीढ़ी पर चढ़ोगे
सफलता मिलेगा जिस दिन, मित्र होंगे साथ
ज़िन्दगी भर साथ चलेंगे, लेकर हाथों में हाथ
मुकेश साहू
तेंदूभाठा, गंडई, राजनांदगांव, छत्तीसगढ़
इस अंक के रचनाकार
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बुधवार, 12 जनवरी 2022
स्वाभिमानी
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