स्वामी अरुण अरुणोदय
जय ज्ञान दायिनी, हंस वाहिनी, वीणा वादिनी माँ!
जय शरदहासिनी, कमलविराजिनी, ब्रह्मचारिणी माँ!!
माघ शुक्ल की तिथि पंचमी,
जग तारण को धरनि आए।
मधु ऋतु की छटा मनोहर,
आनंद मंगल चहुं दिश छाए।
करिए कृपा हम सब भक्तों पर, जगत तारिणी माँ!
ज्ञानी ध्यानी ऋषि मुनि योगी,
निश दिन तुममें ध्यान लगाए।
सूर्य चंद्र सुर सरिता सागर,
हर्षित मन से महिमा गाए
परम ज्ञान सत विद्यादायी, ज्योति दायिनी माँ!
वेद शास्त्र के प्राण तत्व तुम,
सकल कलायें तुममें साजे।
नाद ब्रह्म में, सुर सरगम में,
प्रणव मंत्र में तुम ही राजे।
ऋतुम्भरा प्रज्ञा की देवी, मुक्ति दायिनी माँ!
नवरंग, उमंग, नवज्योति तरंग,
जग - मग - जग तू कर दे।
संपूर्ण क्रांति,सत्संग,शांति,सुख,
सर्वशक्ति तू भर दे।
हे तमसनाशिनी, वेदभाषिनी,गगनगामिनी माँ!
जय ज्ञानदायिनी,हंस वाहिनी,वीणा वादिनी माँ!!
रंगकठेरा डोंगरगांव, जिला राजनांदगांव (छ.ग.) 491661
इस अंक के रचनाकार
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रविवार, 20 फ़रवरी 2022
हे वीणा वादिनी माँ
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