यशपाल भल्ला
पाँव में छाले हैं, मुँह से छिने निवाले हैं,
गरीबों के राशन अब खुले,
बाज़ार में बिकने लगे हैं,
पाँव में छाले हैं, मुँह से छिने निवाले हैं,
गरीबों के राशन अब खुले,
बाज़ार में बिकने लगे हैं,
कैसे उठाएं, किस पे उठाऐं सवाल,
चोर कोतवाल को डांटने लगे हैं,
टी वी चैनलों पे विकास के उजाले हैं,
नेता मुफ्त बिजली, पानी,
चोर कोतवाल को डांटने लगे हैं,
टी वी चैनलों पे विकास के उजाले हैं,
नेता मुफ्त बिजली, पानी,
मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप,
सरकारी खज़ाने से बांटने लगे हैं,
इन सबकी खरीदी में कमीशन खाने लगे हैं,
गाँव का प्रधान, अनाज डीलर,
सरकारी खज़ाने से बांटने लगे हैं,
इन सबकी खरीदी में कमीशन खाने लगे हैं,
गाँव का प्रधान, अनाज डीलर,
बाज़ार में बेच करोड़ों के मालिक, होने लगे हैं,
दिन में होली रात दिवाली मानने लगे हैं,
आदमी, ईमान, मुहब्बत, सब बिकने लगे हैं।
दिन में होली रात दिवाली मानने लगे हैं,
आदमी, ईमान, मुहब्बत, सब बिकने लगे हैं।
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