सविता गुप्ता
पूरी दुनिया आर्थिक मंदी से गुजर रही है शहर देश में कर्मचारियों की छँटनी हो रही है। कई कंपनियां बंद हो गई या अपने कामगारों को सीधे फायरड कह कर नौकरी से निकाल दिया।
रोहित भी आर्थिक मंदी का शिकार हुआ। एक दिन मेल आया अगले महीने से काम पर आने की जरूरत नहीं। यॅू आर फायर्ड। रोहित को अंदेशा तो था क्योंकि कुछ महीनों से बॉस के आँखों का किरकिरी बना हुआ था।
नौकरी चले जाने से रोहित मन ही मन टूट गया था। काफी हाथ पैर मार रहा था, लेकिन कुछ नहीं हो पा रहा था। बैंक में रखे पैसों से घर का खर्चा चल रहा था।
नीतू पति को सांत्वना देती। खर्चों में भी काफी कटौती कर दी थी। कामवाली को हटा दिया था, अपने पार्लर के और अन्य फालतू के खर्चें भी बंद कर दिए थे। पूजा - पाठ की तरफ झुकाव बढ़ गया था। माहौल हल्का करने के लिए रोहित से हँसी ठिठोली करती ताकि रोहित चिंतामुक्त रहे।
रोहित को अकेले बैठे देखा तो पास आकर कुछ रोमांटिक अंदाज में गुनगुनाते हुए चुहल बाजी करने लगी, तभी रोहित चिल्लाते हुए बोला - तुम्हें मजा आ रहा है ना,मेरी नौकरी चले जाने से। सब समझ रहा हूँ, मैं।
नीतू बाथरूम से कुछ देर से... मुँह धोकर निकली।
राँची.झारखंड
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