शशांक यादव
घर के अँगना म ठाढ़े लीम रुख
निहारत हे बैठे - बैठे मंगलू ह,
चिंव - चिंव के बोली ला सुन
देखे लगिस चिरई खोंधरा ला,
काड़ी कचरा ला सकेल के,
चिरई बनाये खोंधरा अपन,
नजर लहुटा के मंगलू देखय,
अपन छानहि कोती,
चिरई फेर आवय,फेर जावय,
चोंच म धर के लावय दाना,
नान्हे - नान्हे पिला के भूख भगाय
मंगलू देखे लगिस अपन लइका कोती,
अउ मुस्का के अपन बुता म निकलगे।।
निवास - गंडई
जिला - राजनांदगांव
मो - 8103840047
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