संदीप कुमार सिंह
एक चेहरा है खास,जो दिल के है पास।
तुम मोहब्बत हो,तुम जरूरत हो,
तुम बहुत ही खूबसूरत हो।
फूलों की डाली सी,बाहें तुम्हारी,
खामोश जादू,निगाहें तुम्हारी।
तेरे हिस्से की सारे काटें,अपने दामन में रख लूं।
और कलियों से सजाऊं राहें तुम्हारी,
कि मेरी अमानत हो तुम,
देख तेरा चेहरा दिन लगे सुहाना,
सर पे काली घटाओं का है पहरा,
गुलाबों सी नाज़ुक महकता है बदन,
ये लव हैं तुम्हारे,या है खिलता चमन।
अगर जो तुम जुल्फ बिखेरो तो,बादल भी शरमा जाए।
तुम एक गजल हो,मेरे दिल कि धड़कन हो।
हर रंग से रंगीन रंग है तेरे प्यार का,
मद भरा हर अंग है जैसे गुल हो गुलाब का।
तूं चांद पूनम का, तू कतरा शबनम का।
छलकता जाम है तू,सुनहरी शाम है तू।
प्यार की तुम सुमन हो,दिल कि तुम सुरभित हो।
रूप रंग की तूं नगीना,अनुराग कि तूं महारानी।
बिन तेरे कुछ भी नहीं जीवन मेरा,
तूं मेरा रात सजनी तूं ही मेरा सबेरा।
कोई गम आए भी तो सजनी,साथ छोड़े न हम।
चाहत कि राहों में,हाथ छोड़े न हम।
हर घड़ी,हर पल,तेरे संग बीते उमर।
एक पल का है जीना,फिर है चला जाना।
आए हैं खाली हाथ,खाली हाथ चले जायेंगें।
बस प्यार के दो मीठे बोल,
रह जाएगा झिलमिल सितारों सा।
तो हसकर है रहना,है हसाना दुनिया को भी।
गाना है अब यही प्यार का नगमा,गमों कि प्यास है बुझाना।
जिला- समस्तीपुर (देवड़ा) बिहार
एक चेहरा है खास,जो दिल के है पास।
तुम मोहब्बत हो,तुम जरूरत हो,
तुम बहुत ही खूबसूरत हो।
फूलों की डाली सी,बाहें तुम्हारी,
खामोश जादू,निगाहें तुम्हारी।
तेरे हिस्से की सारे काटें,अपने दामन में रख लूं।
और कलियों से सजाऊं राहें तुम्हारी,
कि मेरी अमानत हो तुम,
देख तेरा चेहरा दिन लगे सुहाना,
सर पे काली घटाओं का है पहरा,
गुलाबों सी नाज़ुक महकता है बदन,
ये लव हैं तुम्हारे,या है खिलता चमन।
अगर जो तुम जुल्फ बिखेरो तो,बादल भी शरमा जाए।
तुम एक गजल हो,मेरे दिल कि धड़कन हो।
हर रंग से रंगीन रंग है तेरे प्यार का,
मद भरा हर अंग है जैसे गुल हो गुलाब का।
तूं चांद पूनम का, तू कतरा शबनम का।
छलकता जाम है तू,सुनहरी शाम है तू।
प्यार की तुम सुमन हो,दिल कि तुम सुरभित हो।
रूप रंग की तूं नगीना,अनुराग कि तूं महारानी।
बिन तेरे कुछ भी नहीं जीवन मेरा,
तूं मेरा रात सजनी तूं ही मेरा सबेरा।
कोई गम आए भी तो सजनी,साथ छोड़े न हम।
चाहत कि राहों में,हाथ छोड़े न हम।
हर घड़ी,हर पल,तेरे संग बीते उमर।
एक पल का है जीना,फिर है चला जाना।
आए हैं खाली हाथ,खाली हाथ चले जायेंगें।
बस प्यार के दो मीठे बोल,
रह जाएगा झिलमिल सितारों सा।
तो हसकर है रहना,है हसाना दुनिया को भी।
गाना है अब यही प्यार का नगमा,गमों कि प्यास है बुझाना।
जिला- समस्तीपुर (देवड़ा) बिहार
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