नीना सिन्हा
मैं सपरिवार गाँव जा रहा था। माँ की अंतिम इच्छा थी कि अस्थियाँ उनके ससुराल की भग्न देहरी पर कुछ काल तक रखने के बाद विसर्जित की जाएँ! बाढ़ की विभीषिका से मेरा पैतृक गाँव लगभग बर्बाद हो चुका था, ओऽहहह। माँ कहती थी कि बाढ़ उतरने के बाद प्रतिवर्ष इतना रेत छोड़ जाता कि खेत और घर कुछ ऊँचाई तक दफन हो जाते। उसे खोदकर बामुश्किल खेती एवं रहने लायक बनाया जाता था। हम भी बाढ़ विस्थापित थे, मैं कुछ वर्ष का था जब पिताजी…
उस दिन बाढ़ का पानी जब छाती तक पहुँचने लगा तो पिताजी ने हाथ पैर जोड़कर वहाँ से गुजरती एक खचाखच भरी रक्षक नाव में मुझे माँ के साथ किसी प्रकार चढ़ा दिया था, “तुमलोग बढ़ो! मुझे तैरना आता है, मैं पीछे से विस्थापित कैंप पहुँच जाऊँगा। वहीं इंतजार करना।”
पर बढ़ते जलस्तर के तेज थपेड़ों ने उन्हें कहीं रोक लिया। पानी उतरने पर माँ उन्हें तलाशने गई थी, पर कुछ पता न चला। कईयों को संपर्क सूत्र दे आई। साल बीतते चले गए, पर माँ का इंतजार खत्म न हुआ। मैं स्वयं आठ वर्ष के पुत्र का पिता बन गया।
शहर में जो भी काम मिला, उसे कर माँ ने मेरी परवरिश
की। नौकरी लगते ही उससे कहा, “बहुत मेहनत कर ली, अब आराम कर!”
की। नौकरी लगते ही उससे कहा, “बहुत मेहनत कर ली, अब आराम कर!”
पर आराम उसके स्वभाव में न था। जब तक चलने फिरने योग्य रही, अकेले ही गाँव हो आया करती। बढ़ती उम्र के साथ उसका आना-जाना कम होता चला गया।
अंतिम दिन जब आईसीयू से जेनरल वार्ड में जैसे ही माँ को लाया गया, स्थिति फिर से बिगड़ गई। पुनः आईसीयू में और कुछ ही घंटों बाद वह अनंत यात्रा पर चली गई।
विचारों की उड़ान के साथ हमारी यात्रा भी समाप्त हो गई थी। अस्थियाँ लेकर हम अपनी देहरी पर पहुँचे। कौतूहलवश परिचित, सगे-संबंधी इकट्ठा होने लगे। खबर सुनकर पुरुषों के अश्रुपूरित नयन और स्त्रियों का विलाप से लगा, जैसे कोई अपना ही चला गया हो। समझ गया कि माँ यहाँ से क्यों विदा होना चाहती थी। आशा है, माँ का सूक्ष्म रूप पिताजी भी देखते होंगे, इस जहाँ या अन्य कहीं से..।
पटना,बिहार
व्हाट्सएप नंबर-6290273367
संक्षिप्त परिचय--
नाम- नीना सिन्हा, पटना, बिहार।
शिक्षा- पटना साइंस कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय से जंतु विज्ञान में स्नातकोत्तर।
*जैमिनी अकादमी* पानीपत,हरियाणा की ओर से –
*सुषमा स्वराज स्मृति सम्मान 2022* ('देश की 101 महिला कवि एवं साहित्यकार'- श्री बिजेंद्र जैमिनी सर की ओर से प्रेषित..) से सम्मानित!
साहित्य संबंधित -
लेखन की विधा- अधिकांशतः लघुकथाएँ, कुछ कहानियाँ एवं लघु आलेख ।
ढाई वर्षों से देश के समाचार पत्रों एवं प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लघुकथायें अनवरत प्रकाशित, जैसे वीणा-इंदौर, कथाबिंब - मुंबई, हरिगंधा-हरियाणा, शुभ तारिका - अंबाला, छत्तीसगढ़ मित्र-छत्तीसगढ़, सृजन सरोकार- नई दिल्ली, सेतु- पिट्सबर्ग,सोच-विचार -वाराणसी,विश्व गाथा पत्रिका- गुजरात, एक और अंतरीप-जयपुर, हिमप्रस्थ - हिमाचल प्रदेश, पुरवाई-यूके,मरू नवकिरण- बीकानेर , सरस्वती सुमन मासिक- देहरादून, नवल त्रैमासिक- नैनीताल,पुष्पक साहित्यिकी- हैदराबाद, सिंगापुर संगम - सिंगापुर,अलख - लखनऊ, नव निकष- कानपुर, महिला अधिकार अभियान-नई दिल्ली, नेपथ्य- भोपाल , प्रणाम पर्यटन-लखनऊ, साहित्यांजलि प्रभा- प्रयागराज, संपर्क भाषा भारती- मासिक, डिप्रेस्ड एक्सप्रेस-मथुरा, मेरी निहारिका-जयपुर, दूसरा मत-नई दिल्ली,सुरभि सलोनी- मुंबई, अरण्य वाणी - पलामू, प्रेरणा अंशु-दिनेशपुर,लोकतंत्र की बुनियाद-नई दिल्ली, आलोक पर्व, सच की दस्तक, प्रखर गूँज साहित्यनामा, संगिनी- गुजरात, समयानुकूल-उत्तर प्रदेश, शबरी - तमिलनाडु, भाग्य दर्पण- लखीमपुर खीरी, साहित्य सुरभि- चंदौली, हलंत- देहरादून, हिंदी ज्योति- संबलपुर, मुस्कान पत्रिका- मुंबई, प्रिय पाठक-भागलपुर,कलायात्रा मासिक पत्रिका,पंखुरी- उत्तराखंड, कंचन वर्ल्ड पत्रिका,काव्य प्रहर- वाराणसी, शहर-परिक्रमा-देवघर, सुबह की धूप- पटना, जय-विजय ई पत्रिका-आगरा, नव साहित्य त्रिवेणी- कोलकाता, साहित्य रसाल-काशी, चाणक्य वार्ता, समर सलिल पत्रिका, मानवी ई पत्रिका, प्रयास इंडिया पत्रिका, सच की दस्तक, कविता कॉनन ई पत्रिका, सुवाषित ई पत्रिका- झारखंड, पद्मनाभ ई-पत्रिका, हिंदी अब्राड, पंजाब टाइम्स- यूके (अनूदित रचना), मधुरिमा, रूपायन, साहित्यिक पुनर्नवा भोपाल, पंजाब केसरी, राजस्थान पत्रिका, डेली हिंदी मिलाप-हैदराबाद, हरिभूमि-रोहतक, लोकमत समाचार- नागपुर,दैनिक भास्कर-सतना, दैनिक जनवाणी- मेरठ, साहित्य सांदीपनि- उज्जैन, मालांच- बिहार, युगपक्ष- बीकानेर,कोलफील्ड मिरर, इंदौर समाचार-- इत्यादि।
स्थाई पता:
श्रीमती नीना सिन्हा,
द्वारा,श्री अशोक कुमार।
C - 8, मौर्य कॉलोनी,
बिस्कोमॉन गोलंबर,
पोस्ट - गुलजारबाग
पटना - 800007,
बिहार।
व्हाट्सएप नंबर - 6290273367
ईमेल- neena.sinha@gmx.com
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