लता शर्मा
पालनहार पालक,परिवार का नायक
पिता होते नींव धुरी,सम्मान जी चाहिए!
उँगली थाम के चले,लगा निज हिय कहे
बशीभूत वे स्नेह के,महान ही जानिए!
ससक्त छाँव तरु से,वरद हस्त उन्हीं के
प्रतिपालक वही हैं, सज्ञान भी लाइए!
मार्गदर्शक बच्चों के,दिखायै राह सही वे
भविष्य निर्माण हेतु,दे जान भी मानिए!
हृदय विशाल जानो,आधार वही हैं मानो,
आशिर्वाद शुभ सभी,सुजान जी पाइए!
जांजगीर छत्तीसगढ़
पालनहार पालक,परिवार का नायक
पिता होते नींव धुरी,सम्मान जी चाहिए!
उँगली थाम के चले,लगा निज हिय कहे
बशीभूत वे स्नेह के,महान ही जानिए!
ससक्त छाँव तरु से,वरद हस्त उन्हीं के
प्रतिपालक वही हैं, सज्ञान भी लाइए!
मार्गदर्शक बच्चों के,दिखायै राह सही वे
भविष्य निर्माण हेतु,दे जान भी मानिए!
हृदय विशाल जानो,आधार वही हैं मानो,
आशिर्वाद शुभ सभी,सुजान जी पाइए!
जांजगीर छत्तीसगढ़
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