1. वे तुझे झुकाएँगे, मगर झुकना मत
सपने टूटे तो क्या, जीवन में हार मत
मुराद पुरी होगी,सब्र कर हार मत
यह सही है कि जिंदगी मुश्किलों से भरी है
संघर्षों से पीछे मत हट, आगे बढ़ हार मत
लोग दबाएंगे तुझे, बदनाम करेंगे
घुटने टेकने को कहेंगे, डर मत
सत्य की राह पेचिदा होती ही है
वे तुझे झुकाएँगे, मगर झुक मत
जीवन तो है ही ऐसा, शांति कहाँ?
अशांति में ही कदम बढ़ा, रुक मत
शर्म तो उन्हें आनी चाहिए जो डराते हैं
नेक हो हृदय से, चिंता कर मत
2.कथा अभागे की
गाँव के पूरब ओरी रहे पीपरा के गछिया
माई जे खिलावत रही, पोछी-पोछी अँखियाँ
दुखवा के अंत ना रहे, भतवो मुहाल रहे
बथुआ के साग रहे, अउरी मांगल माड़ रहे
कटोरा के ओरी तीकी, मईया सुसुकत रही
सूरज देव के सुबह-सुबह हाथ जोरत रही
गोतिया-दयादवा जमीन मोरे छीनले
बाबुजी के मरला पे माई के उ मरले
गाँव के बहरसी , पीपर बस आसरा
कभी गोदा खाइके, करी हमनी जतरा
दुई गाँव भीख मांगी, दुई कटोरा चावल मिले
पंडित नाहीं रहीं हमनी, कभी बात गाली मिले
अइसही बीत गइल माई के जवनियाँ
माई मोरी मरी गइली, दे पवनी ना पनियाँ
हमरो जवनियाँ के नइखे भरोसा
दवा-दवाई नइखे, नाही देह में जोसा
करत बनिहारी मोरे, चालिस बीत गइले
गरीब के घर बसल, आस मर गइले
का करी, कहाँ जाई नाही कवनो आधार बा
राति के बधरिया में हुंआ-हुंआ करत सियार बा
3.दीप जलाएँगे सारे
हम तेरी आशिकी में हैं
तुझसे मिलना है जरुरी
मर जाएँगे, कल कहीं तो
ख्वाहिशें रह जाएँगी, अधूरी
सपने हमने देखें हैं
वे हैं बड़े निराले
तेरे आने की खुशी में
दीप जलाएँगे सारे
मेरे अरमां सिर्फ तू हो
बस तेरा इंतजार
ये जिंदगी तेरे लिए है
मकसदे-जिंदगी है प्यार
कल कहीं लूट न जाऊँ
किसी दूसरे के हाथों
जिस गली से तुम गुजरी
उसकी मिट्टी,लगाऊँ अपने माथों
रोशनी की कसम, भटका हूँ अँधेरे में
जिंदगी की राह आकर तू दिखा जा
तू एक बार आकर
मेरा सूना घर सजा जा
संपर्क: ग्राम+पोस्ट-करुप ईंगलिश,
भाया: गोड़ारी, जिला: रोहतास(बिहार), पिन.802214
मो.8298396621
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