डॉ. इन्दु कुमारी
तेरे हाथों में हाथ देकर वायदा किया है हमने।
यह जीवन एक दूजे पर सदा समर्पित है प्यारे,
बिन तेरे साथी मेरे जीना दुश्वार लगता है ,
अकेलेपन के कांटे प्रिय मझधार लगता है।
तेरे प्यार भरे कश्ती पर सवार हुई है हमने ,
देखो साथ निभाने का वादा किया है तुमने।
हम दोनों की जोड़ी रब की बनाई हुई है ,
थाम ले पतवार मेरी मेरे साहिल बस तू है।
सात फेरों में कसमें खाई है हम दोनों ने ,
देखो साथ निभाने का वादा किया है तुमने।
जीवन साथी
वही हो नव जीवन के आधार।
तुझ बिन सूना सूना लगता ,
दिल हिर्दय और आंगन द्वार ।
तुझ पर सजती संवरती हूं,
तू ही जीवन के पतवार हो ।
मेरे जीवन को स्वर्ग बनाया
तेरे प्यार की बरसी फुहार ।
अधूरी जिंदगी तुझ बिन मेरी,
सह ना पाऊंगी दूरियां तेरी ।
राहे निहारती पलके पसार,
पाकर साथी बस तेरा प्यार ।
ईश्वर से प्रार्थना की थी मैंने ,
अच्छे सच्चे साथी मिले हमें ।
आरजू पूरी हुई तुझको पाकर,
स्नेह बंधन में मैं नहला कर ।
सात जन्मों के बंधन में ,
बंध चुकी अब जन्म जन्म ।
पा गए हम तुझ पर अधिकार,
जीवनसाथी दे स्नेह ओ प्यार ।
मधेपुरा बिहार
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